लेखनी कहानी -15-Nov-2022
हर शब्द कुछ कहानी कहते
**************************
ए कलम तुम ही तो हो जो सच मेरी सखी थी
साथ निभाए दर्द में आज भी तुम्हीं संग बड़ी थी।।
खता क्या थी मेरी सोचती , आज भी मैं अकसर
रूह से कर मोहब्बत संग तेरे मैं ही खड़ी थी।।
दर्द-ए चित्कार तुम मेरी क्यों सुन ना पाते हो
फ़रेब दे तोड़ा यकीं ना हुआ , मैं खुद से ही लड़ी थी।।
मेरे आंखों से झरते आंसू सवाल तुझसे पूछे हैं
कहां कमी रही मेरी वफ़ा मे , सोच ये आंखों में नमी थी।।
दर्द-ए जज़्बात मैं तो अपने , सबसे छुपाए बैठी
कलम मेरी अपनी होके भी जैसे , मेरी अपनी नही थी।।
हर एक शब्द उसकी ही कहानी कहते हैं
वीणा के सुरमई शब्दों में सुनी सबने , दर्द-ए रवानी थी
*******************
Gunjan Kamal
16-Nov-2022 07:16 PM
बहुत ही सुन्दर
Reply
Ayshu
16-Nov-2022 05:58 AM
Bahut khub
Reply
आँचल सोनी 'हिया'
16-Nov-2022 12:40 AM
Bahut khoob 🌸👌💐
Reply